भारतकी क्रांतिकारी महिला संगठन ने किया अपिल

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२०७९ माघ २४ १२:२९ बजे
भारतकी क्रांतिकारी महिला संगठन

भारत वैगलोर ।  सन 2023  मार्च 7,8  को बैंगलोर आम जनता से पांचवे अखिल भारतीय सम्मेलन को तहे दिल से सफल बनाने की अपील करती है।   आयोजित अखिल भारतीय क्रांतिकारी महिला संगठन (AIRWO) के पांचवे अखिल भारतीय सम्मेलन को सफल बनाएं पितृसत्ता की पोषक कॉरपोरेट फासिस्ट शिकंजे को तोड़ दें के नारा है अपिल मे लेखा है -

साथियों,

भारत एक ऐसा देश है जहाँ पितृसता/ मर्दवाद अपने सबसे बुरे रूपों में मौजूद है। मनुस्मृति जो कि मनुवादी - हिंदुत्व की पवित्र पुस्तक है, के अनुसार महिलाएं मानव का दर्जा पाने लायक नहीं हैं और इसलिए दलितों की तरह बुनियादी मानवाधिकारों से वंचित हैं। केवल हिंदू धर्म ही नहीं, सभी पितृसत्तात्मक धर्म किसीकिसी रूप में महिला विरोधी हैं। इसलिए लैंगिक समानता और महिलाओं की मुक्ति के लिए सभी प्रकार के लैंगिक भेदभाव सहित पितृसत्ता / पुरुष प्रभुत्व का उन्मूलन करना जरूरी है।


आज जहां कॉरपोरेट

भगवा फासीवाद जिसका वैचारिक आधार मनुवादी हिंदुत्व है, समाज के समूचे बड़े और छोटे क्षेत्रों को नियंत्रित कर रहा है, वहीं महिलाएं सबसे ज्यादा भेदभाव और कई तरह से उत्पीडन का शिकार हैं। फासिस्ट और घोर महिला विरोधी आरएसएस के तथाकथित हिंदुराष्ट्र ( जो कि अंबानी अदानी जैसे कॉरपोरेट थैलीशाहों का होगा) में महिलाओं की हालत कैसी होगी यह हम हिंदुराष्ट्र की हालिया प्रयोगशाला उत्तर प्रदेश में देख सकते हैं जहां आम गरीब मेहनतकश उत्पीड़ित वर्ग की महिलाएं हाथरस,उन्नाव,बहराइच,गोहरी इलाहाबाद और देहरादून में सिसक सिसक कर न्याय की आस में दम तोड देती हैं तो दूसरी ओर राम रहीम,आशाराम से लेकर सारे के सारे बलात्कारी,हत्यारे ढोंगी बाबाओं की जमात के साथ भाजपा समेत पूरा संघ परिवार मजबूती से खड़ा है।हालत यह है कि महिला खिलाड़ियों के साथ यौन दुर्व्यवहार का आरोपी भाजपा का बाहुबली सांसद बृजभूषण शरण जो की भारतीय कुश्ती संघ का अध्यक्ष है के खिलाफ कारवाई की मांग को लेकर ओलंपिक और एशियाई खेलों में पदक विजेता महिला और पुरुष पहलवानों को लड़ना पड़ रहा है लेकिन भाजपा टस से मस नहीं हो रही है और बलात्कार व महिला उत्पीड़न के अपराधियों पर कोई कारवाईकरने के अपने रिकॉर्ड पर कायम है।।इसलिए महिलाओं की समानता के लिए संघर्ष आरएसएस फासीवाद का प्रतिरोध करने और उसे शिकस्त देने के तात्कालिक कार्य से जुड़ा हुआ है। साथ ही, सामंती और पूंजीवादी सामाजिक संबंधों और शोषणकारी सामाजिक व्यवस्था के हिस्से में निहित लैंगिक प्रश्न को हल करना और महिला मुक्ति के संघर्ष को सामाजिक परिवर्तन के लिए दीर्घकालिक संघर्ष से जोड़ना भी जरूरी है।

देश में महिलाओं का बड़ा हिस्सा अवैतनिक पारिवारिक श्रम तक ही सीमित है, यहां तक कि वे जो सामाजिक उत्पादन में भाग लेते हैं उन्हें भी कम भुगतान किया जाता है ।और कार्यस्थल पर यौन शोषण सहित सभी प्रकार के भेदभाव और हमलों का सामना करना पड़ता है। इसलिए कार्यस्थल सहित सभी क्षेत्रों में महिलाओं की समानता के लिए संघर्ष करना जनवादी और प्रगतिशील महिलाओं का परम कर्तव्य है। भारत जैसे देश में समान काम के लिए समान वेतन के संघर्ष के साथ-साथ महिलाओं के लिए संपत्ति का अधिकार सुनिश्चित करने का संघर्ष भी महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही, महिला विशिष्ट और लैंगिक अनुकूल कामकाजी परिस्थितियों के लिए लड़ाई भी जनवादी

और प्रगतिशील महिलाओं द्वारा उठाया जाने वाला अत्यावश्यक कार्य है। यह इस संदर्भ में है कि AIRWO (अखिल भारतीय क्रांतिकारी महिला संगठन) जो एक लैंगिक समानता पर आधारित सामाजिक व्यवस्था के निर्माण के लिए लड़ाई में जुटा हुआ है और जिसमे महिलाओं को पुरुषों के बराबर समान संपत्ति और कमाई सहित तमाम जनवादी अधिकार प्राप्त होते हैं का पांचवा अखिल भारतीय सम्मेलन " कॉमरेड शर्मिष्ठा हॉल(गांधी भवन), बेंगलुरु ,कर्नाटक" में आगामी 7 और 8 मार्च को आयोजित है। यह सम्मेलन उपरोक्त मुद्दों

के साथ-साथ भारत में पितृसत्ता की पोषक, कॉरपोरेट घरानों की दलाल और भारतीय जनता के दुश्मन संघी मनुवादी फासिस्ट ताकतों के खिलाफ लड़ाई में क्रांतिकारी महिला आंदोलन को तेज और मुकम्मल बनाने का संकल्प लेगा ।साथ ही इस कार्य को ध्यान में रखते हुए AIRWO को पूरी तरह से राजनैतिक वैचारिक रूप से लैस करेगा।

AIRWO, तमाम संघर्षशील,प्रगतिशील,मेहनतकश महिलाओं और आम जनता से पांचवे अखिल भारतीय सम्मेलन को तहे दिल से सफल बनाने की अपील करती है।

मनुस्मृति ,महिलाओं समेत तमाम उत्पीड़ित मेहनतकश जनता के लिए गुलामी का दस्तावेज है,मनुस्मृति के आधार पर हिंदुराष्ट्र बनाने नहीं देंगे।आरएसएस के वैचारिक आधार मनुवादी हिंदुत्व को उखाड़ फेंके।सावित्री बाई फुले,रुकैया शखावत हुसैन,दुर्गा भाभी,गुलाब कौर और शहीद निर्मला कृष्णमूर्ति के पथ पर अग्रसर हों ।महिला मुक्ति,जनवाद और समाजवाद के लिए संघर्ष करें।(हिन्दी भाषामा) 

२०७९ माघ २४ १२:२९ बजे

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